क्या 1 फरवरी 2025 के बाद फिर से सस्ता होगा सोना | क्या सरकार GST को कम कर सकती है

पिछले साल के बजट में सोने के लिए एक ऐसा फैसला लिया गया था जिसने सोने के बाजार में तहलका मचा दिया था। इस फैसले को सोने के इतिहास का काला दिन भी कहा गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अचानक सोने पर आयात शुल्क को 15% से घटाकर 6% कर दिया था। इस फैसले के कारण सोने की कीमतों में भारी गिरावट आई। बजट से पहले सोने की कीमत लगभग 82,000 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, लेकिन इस फैसले के बाद अगले कुछ दिनों में ही यह गिरकर 76,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई। हालांकि, भारत में सोने की मांग काफी अधिक होने के कारण, यह गिरावट लंबे समय तक बनी नहीं रह पाई। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय महिलाओं के पास लगभग 24,000 टन सोना है, जो कि दुनिया के कुल सोने का करीब 11 प्रतिशत है। रिपोर्ट में बताया गया है कि तमिलनाडु भारत में सबसे ज्यादा सोने का मालिक है। देश के कुल सोने का करीब 28 प्रतिशत सिर्फ तमिलनाडु में है। दिलचस्प है कि जब नरेंद्र मोदी सरकार ने तीसरी बार सत्ता संभाली, तो 23 जुलाई को देश का पूर्ण बजट पेश किया गया था। यह बजट आर्थिक सुधारों और नई नीतियों को दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण रहा।

इस साल बजट में क्या हो सकता है 

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार इस साल भी ऐसे कुछ फैसले ले सकती है जो सोने की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, इस बार सोने के आयात शुल्क में वृद्धि करने की कोई मांग उद्योग जगत से नहीं उठी है। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के अध्यक्ष राजेश रोकड़े ने सरकार से चांदी की हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने की मांग की है। उनका मानना है कि इससे चांदी की शुद्धता सुनिश्चित होगी और उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ेगा। सोने के बुलियन बाजार में एक बड़ी मांग हॉलमार्किंग को लागू करने की है। जैसा कि सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क लगाकर उसकी शुद्धता की पुष्टि की जाती है, उसी तरह बुलियन बार और सोने के सिक्कों पर भी हॉलमार्किंग की मांग उठ रही है। आम धारणा यह है कि बुलियन बार और सिक्के शुद्ध सोने के होते हैं, इसलिए इन पर हॉलमार्किंग की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन अब उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि इन पर भी हॉलमार्किंग होनी चाहिए ताकि सोने की शुद्धता को लेकर किसी तरह का संदेह न रहे और ग्राहकों का विश्वास बढ़े। हॉलमार्किंग से सोने की शुद्धता को लेकर पारदर्शिता आएगी और ग्राहकों को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि वे शुद्ध सोना खरीद रहे हैं।

GST घटाने की कर रहे है मांग

भारत में आभूषण उद्योग लंबे समय से सोने पर लगने वाले जीएसटी को कम करने की मांग कर रहा है। वर्तमान में, सोने के आभूषणों पर 3% जीएसटी लगाया जाता है। उद्योग का मानना है कि इस दर को घटाकर 1% किया जाना चाहिए। उद्योग जगत का तर्क है कि जीएसटी दर में कमी से न केवल आभूषण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इससे सोने के आभूषणों की कीमतें भी कम होंगी, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ होगा। कम जीएसटी दर से सोने के आभूषणों की मांग बढ़ सकती है और इससे देश में रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

 

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