Hallmarking of Silver: अब सोने पर ही नहीं चांदी पर भी लगेगी हॉलमार्किंग | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

Hallmarking of Silver in India: खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने सोमवार को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के 78वें स्थापना दिवस समारोह में उपभोक्ताओं की सुरक्षा और उनकी जरूरतों को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने खासतौर पर चांदी और चांदी के उत्पादों की ‘हॉलमार्किंग’ को अनिवार्य बनाने की संभावना पर चर्चा की। मंत्री जोशी ने कहा, “देशभर के उपभोक्ताओं की ओर से चांदी और चांदी के सामान के लिए ‘हॉलमार्किंग’ की मांग लगातार बढ़ रही है। यह एक महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर बीआईएस को गंभीरता से विचार करना चाहिए और इस संबंध में जरूरी कदम उठाने चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि इस दिशा में शुरुआती स्तर पर काम पहले ही शुरू हो चुका है। सरकार ने इस विषय पर हितधारकों के साथ संवाद स्थापित किया है और आगे की रणनीति तैयार करने के लिए व्यवहार्यता का आकलन किया जा रहा है।

मंत्री ने भरोसा दिलाया कि उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार और बीआईएस मिलकर ऐसा समाधान तैयार करेंगे, जिससे बाजार में चांदी और चांदी के उत्पादों की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में चांदी की ‘हॉलमार्किंग’ को अनिवार्य करने का फैसला उपभोक्ताओं की मांग और व्यवहार्यता अध्ययन के आधार पर लिया जाएगा। कार्यक्रम में मंत्री ने बीआईएस की अब तक की उपलब्धियों की सराहना करते हुए संगठन से अपील की कि वह गुणवत्ता मानकों को और मजबूत बनाने के लिए नवाचार और तकनीकी सुधारों पर विशेष ध्यान दे। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं का विश्वास बनाए रखने के लिए पारदर्शिता और गुणवत्ता नियंत्रण के प्रयास लगातार जारी रहने चाहिए। अंत में मंत्री जोशी ने देशवासियों से अपील की कि वे खरीदारी करते समय मानकों और हॉलमार्किंग पर ध्यान दें, ताकि उनकी मेहनत की कमाई सही उत्पादों पर खर्च हो सके। साथ ही उन्होंने बीआईएस से आग्रह किया कि वह उपभोक्ताओं के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अपने प्रयासों को और तेज करे।

कब से हॉलमार्किंग लगनी होगी शुरू

मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि उन्होंने बीआईएस को चांदी की ‘हॉलमार्किंग’ की व्यवहार्यता पर काम करने और उपभोक्ताओं तथा आभूषण डीलरों से उनकी राय लेने का निर्देश दिया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “हम सभी संबंधित पक्षों से परामर्श करेंगे और प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।” फिलहाल, चांदी की ‘हॉलमार्किंग’—जो सफेद धातु की शुद्धता का प्रमाण देती है—पूरी तरह से दुकानदारों या ग्राहकों की इच्छा पर निर्भर है। इस पर बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि ब्यूरो तीन से छह महीने के भीतर चांदी की ‘हॉलमार्किंग’ को अनिवार्य करने के लिए तैयार हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस दिशा में हितधारकों के साथ विचार-विमर्श जारी है और जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएंगे।

अल्फान्यूमेरिक कोड पर क्या हो रही है चर्चा

तिवारी ने बताया कि इस मुद्दे पर हितधारकों के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है, और ज्यादातर लोग इसके समर्थन में हैं। उन्होंने कहा कि छह अंकों वाले ‘अल्फान्यूमेरिक कोड’ पर अभी भी चर्चा जारी है। यह कदम जून 2021 में शुरू की गई सोने की अनिवार्य ‘हॉलमार्किंग’ की सफलता के बाद उठाया जा रहा है। सोने की यह प्रणाली अब देश के 361 जिलों में लागू हो चुकी है। इसका मकसद उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा करना और सोने के उत्पादों की शुद्धता और प्रामाणिकता को सुनिश्चित करना है। वर्तमान में ‘हॉलमार्किंग’ प्रणाली के तहत एक छह-अंकीय ‘अल्फान्यूमेरिक कोड’ दिया जाता है, जो सोने की गुणवत्ता और शुद्धता को प्रमाणित करता है।

90 प्रतिशत आभूषणों की होगी हॉलमार्किंग

मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि आज देश में खरीदे जा रहे करीब 90 प्रतिशत आभूषणों पर ‘हॉलमार्किंग’ की जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि हॉलमार्किंग की शुरुआत के बाद से अब तक 44.28 करोड़ से ज्यादा स्वर्ण आभूषणों को विशिष्ट पहचान के साथ प्रमाणित किया गया है। मंत्री ने आगे जानकारी दी कि गुजरात, कर्नाटक और अन्य राज्यों के हितधारकों ने चांदी के आभूषणों और सामान पर भी ‘हॉलमार्किंग’ को अनिवार्य करने की मांग रखी है। उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि यह 1986 में बीआईएस अधिनियम के तहत स्थापित किया गया एक स्वायत्त राष्ट्रीय निकाय है, जिसकी जिम्मेदारी उत्पादों और सेवाओं के लिए गुणवत्ता मानक तय करना है।

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