Gold Price Increase In One Lakh Rupees : क्या सोने की कीमते 1 लाख को पार कर सकती है | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

Gold Price Increase In One Lakh Rupees : दोस्तों आज हम बात करेंगे पिछले कुछ महीनों से लगातार सोने की कीमतों में आ रही तेजी के बारे में। साथियों, सोने की कीमतें इस साल लगातार बढ़ रही हैं, और यह किसी से छिपा नहीं है। जब से 2025 की शुरुआत हुई है, सोने के भाव ने दिल्ली सर्राफा बाजार और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) दोनों ही जगहों पर 10% तक की बढ़त दिखाई है। वायदा बाजार में सोने की कीमत 85,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुँच चुकी है, और दिल्ली के सर्राफा बाजार में तो यह 86,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को भी पार कर चुका है। इसके अलावा चांदी की कीमतों में भी इस समय आग लगी हुई है। सोने की कीमतों में हो रही यह अप्रत्याशित बढ़ोतरी दुनियाभर के आर्थिक और राजनीतिक बदलावों से जुड़ी हुई है। अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में चल रही अस्थिरता और घरेलू निवेशकों के बीच बढ़ी हुई गोल्ड डिमांड ने सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प बना दिया है। साथ ही, इन वैश्विक कारकों ने सोने की कीमतों को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया है। सोने और चांदी की कीमतों में आ रहा है जबरदस्त उछाल किन कारणों से है, इस पर अलग-अलग विशेषज्ञों की कई प्रकार की राय सामने आ रही है। कुछ विशेषज्ञ इस तेजी के पीछे फंडामेंटल कारण बता रहे हैं, तो कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये की गिरावट भी सोने की बढ़ोतरी का एक कारण हो सकता है। इसके अलावा कुछ विशेषज्ञों का तो यह भी मानना है कि अगर सोने की कीमतों में इसी प्रकार तेजी बरकरार रहती है, तो दिवाली तक सोने के भाव 1 लाख को भी पार कर सकते हैं। आइए, इस रिपोर्ट में हम विस्तार से जानेंगे कि आखिरकार सोने की कीमतों में यह तेजी क्यों आई है, और क्या यह ट्रेंड दिवाली तक जारी रहेगा? तो चलिए इन सभी तत्वों को विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं इस रिपोर्ट के माध्यम से।

सोने की कीमतों में तेजी के प्रमुख कारण

साथियों, सोने की कीमतों में इस साल जो तेजी देखने को मिली है, उसके पीछे कई प्रमुख कारण हैं। ये कारण न केवल भारतीय बाजार को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सोने की कीमतों में उछाल का मुख्य कारण बन रहे हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा व्यापार युद्ध की नई धमकियों और कई देशों के खिलाफ लगाए गए टैरिफ ने बाजार में अस्थिरता को जन्म दिया है। क्योंकि जब आर्थिक परिस्थितियाँ अनिश्चित होती हैं, तो निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए सोने की तरफ रुख करते हैं। ट्रेड वॉर और टैरिफ की वजह से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में निवेशकों का भरोसा डगमगा गया है, और इसके परिणामस्वरूप, गोल्ड की मांग बढ़ी है। इसके अलावा कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध ने वैश्विक बाजार में अनिश्चितता पैदा की है। ऐसे में निवेशक अपने निवेश को सुरक्षित रखने के लिए सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इससे सोने की मांग में बढ़ोतरी हो रही है, और सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। यह भू-राजनीतिक स्थिति न केवल यूरोप, बल्कि पूरी दुनिया में सोने की कीमतों पर दबाव डाल रही है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती भी सोने की कीमतों में वृद्धि का एक बड़ा कारण बन रही है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो सोने की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी जाती है, क्योंकि गोल्ड और डॉलर के बीच सीधा संबंध होता है। इस समय, डॉलर में हो रही मजबूती के कारण सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रही हैं। इसके अलावा, भारत में विदेशी निवेश को भी सोने की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण बताया जा रहा है, क्योंकि भारत में सोने के प्रति हमेशा से एक गहरी श्रद्धा रही है, और यही कारण है कि यहां के बाजार में विदेशी निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है। विदेशी निवेशकों द्वारा गोल्ड में निवेश करने से भारतीय बाजार में सोने की कीमतों को सपोर्ट मिला है। इसके अलावा, भारतीय त्योहारी सीजन के दौरान भी सोने की डिमांड में उछाल आता है, जो कीमतों को और बढ़ाता है।

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गोल्ड की मौजूदा कीमतें

साथियों, पिछले कुछ महीनों से सोने की कीमतों में जबरदस्त आग लगी हुई है। अगर हम वर्तमान सोने की कीमतों पर नज़र डालें, तो यह देखा जा सकता है कि सोने ने 2024 में काफी तेजी पकड़ी है। दिल्ली सर्राफा बाजार में 99.9% शुद्धता वाला सोना 86,070 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुँच चुका है, जबकि MCX वायदा बाजार में सोने की कीमत 85,279 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर है। इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक, सोने के दामों में 7,823 रुपये की बढ़त हो चुकी है। लगातार हो रही इस तेजी को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वैश्विक परिस्थितियाँ ऐसी ही बनी रहीं, तो दिवाली तक सोने की कीमत 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुँच सकती है।

क्या एक लाख को पार करेगा सोना

साथियों, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वैश्विक अनिश्चितता और ट्रेड वॉर जैसी स्थितियाँ बनी रहीं, तो सोने की कीमत दिवाली तक 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुँच सकती है। हालांकि, यह एक अनुमान है, और इस दिशा में कई अनिश्चितताएँ भी हैं। अगर मौजूदा स्थिति में कोई बड़ा बदलाव होता है, तो कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। लेकिन अगर आप दीर्घकालिक निवेशक हैं, तो इस समय सोने में निवेश करना एक समझदारी का कदम हो सकता है। पीसी ज्वेलर्स के सीएमडी ने भी इस बात का समर्थन किया है कि गोल्ड की कीमत इस साल 1 लाख रुपये के पार जा सकती है, बशर्ते वर्तमान वैश्विक परिस्थितियाँ बनी रहें। उनका मानना है कि यदि ट्रेड वॉर और डॉलर की मजबूती जारी रही, तो सोने की कीमत दिवाली तक 1 लाख रुपये तक पहुँच सकती है। इसके अलावा, रुपये का उतार-चढ़ाव भी सोने के भाव को काफी हद तक सुनिश्चित करने में अपना अहम योगदान देगा।

क्या सोने में निवेश करना फायदे का सौदा है?

साथियों, जिन लोगों ने पहले ही सोने में निवेश किया है, उन्हें इस समय अच्छा रिटर्न मिल रहा है। अगर आप दीर्घकालिक निवेशक हैं, तो सोने में निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है। हालांकि, अगर आप शॉर्ट टर्म में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको बाजार में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप सोने को लंबे समय तक होल्ड करने की सोच रहे हैं, तो यह सुरक्षित और लाभकारी निवेश साबित हो सकता है। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार 2025 के अंत तक, सोने में निवेश के बारे में विचार करना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है, विशेष रूप से उन निवेशकों के लिए जो अपनी पोर्टफोलियो को विविधित करना चाहते हैं और भविष्य में आने वाली आर्थिक अस्थिरता से बचना चाहते हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल, राजनीतिक अस्थिरता और बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सामने आता है। सोने के प्रति निवेशकों की यह रुचि इस तथ्य पर आधारित है कि यह धातु पारंपरिक रूप से संकट के समय में एक मूल्यवर्धक संपत्ति के रूप में कार्य करती है, और यह अन्य संपत्तियों की तुलना में कम जोखिम और अधिक स्थिरता प्रदान करती है।

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सोने में तेजी कब तक जारी रह सकती है

2025 के अंत तक, विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रह सकती है। मिलर इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के वित्तीय योजनाकार रिक मिलर का कहना है, “मुझे उम्मीद है कि साल के अंत तक सोना 3,000 डॉलर प्रति औंस से ऊपर चला जाएगा।” इस प्रकार की भविष्यवाणी यह संकेत देती है कि सोने में निवेश करने का एक आकर्षक मौका हो सकता है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में सोने ने 30% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की है। इसके अलावा, सोने का मूल्य आर्थिक संकटों के दौरान बढ़ता है, जैसे कि मुद्रास्फीति, मुद्रा के मूल्य में गिरावट या जीवन यापन की लागत में वृद्धि। राठौड़ के अनुसार, “सोना अपनी क्रय शक्ति बनाए रखता है, भले ही अन्य मुद्राएं कमजोर होती हैं।” इसके अलावा, यदि आप भौतिक सोने के रूप में निवेश करते हैं, तो आपको सीधे संपत्ति का स्वामित्व मिलता है, जबकि गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) जैसी सुविधाओं से आप बिना भंडारण की चिंता किए निवेश कर सकते हैं। सोने में निवेश के कई फायदे हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। सबसे बड़ा नुकसान यह है कि सोना आपको कोई नियमित आय नहीं देता। यानी, जैसे आप स्टॉक्स या बॉन्ड्स से लाभांश या ब्याज प्राप्त कर सकते हैं, वैसे सोने से आपको कोई लगातार आय नहीं मिलती है। राठौड़ का कहना है कि “सोने की उपज की कमी एक प्रमुख नकारात्मक पहलू है, क्योंकि इसमें आपका लाभ सीधे तौर पर इस पर निर्भर करता है कि आप सोने को कब और कितने मूल्य पर बेचते हैं।” इसके अलावा, सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव एक और बड़ा जोखिम है, क्योंकि यह किसी निश्चित समय के दौरान निश्चित नहीं होती। जैसे-जैसे आर्थिक स्थिति बदलती है, सोने की कीमत भी प्रभावित हो सकती है। योशिदा का कहना है, “यदि बाजार में प्रवाह धीमा हो जाता है या रुक जाता है, तो इससे सोने की कीमतों में गिरावट हो सकती है।” इसके अलावा, सोने के भौतिक रूप में निवेश करने का एक और बड़ा मुद्दा यह है कि इसके भंडारण और सुरक्षा से जुड़ी लागतें होती हैं। यदि आप भौतिक सोना खरीदते हैं, तो आपको इसे सुरक्षित रखने के लिए स्थान या गोदाम की जरूरत होती है, और इसके लिए आपको अतिरिक्त शुल्क भी देना पड़ सकता है। छोटे निवेशकों के लिए ये अतिरिक्त खर्च रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं।

2025 में सोने में कितना निवेश करना चाहिए

2025 में सोने में कितना निवेश करना चाहिए, यह पूरी तरह से आपकी व्यक्तिगत स्थिति पर निर्भर करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सोने में निवेश के लिए पोर्टफोलियो का 5% से 10% हिस्सा आदर्श हो सकता है, क्योंकि यह विविधीकरण प्रदान करता है और जोखिम को कम करता है। यदि आप युवा निवेशक हैं और आपके पास लंबी अवधि का निवेश है, तो आप कम प्रतिशत में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। इसके विपरीत, यदि आप अधिक स्थिरता की तलाश में हैं या एक निवेशक के रूप में जोखिम से बचना चाहते हैं, तो आप अपने पोर्टफोलियो का अधिक हिस्सा सोने में डाल सकते हैं। रॉकेट डॉलर के हेनरी योशिदा अधिक रूढ़िवादी रुख अपनाते हैं और 5% से अधिक निवेश की सलाह नहीं देते हैं। तल-रेखा यह है कि सोने में निवेश करने से पहले आपको अपनी निवेश योजना और जोखिम सहिष्णुता पर गंभीर विचार करना चाहिए। सोने का एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह एक लंबी अवधि में सुरक्षित निवेश विकल्प हो सकता है, खासकर अगर आप वित्तीय अस्थिरता से बचना चाहते हैं या अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना चाहते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सोना एक संतुलित निवेश रणनीति का हिस्सा होना चाहिए। यदि आप सोने में निवेश करने का निर्णय लेते हैं, तो यह तय करें कि कौन से निवेश प्रकार आपके लिए उपयुक्त हैं, जैसे गोल्ड ETF, गोल्ड माइनिंग स्टॉक्स या भौतिक सोना। सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले आर्थिक रुझानों और केंद्रीय बैंक की नीतियों के बारे में जानकारी रखना भी आवश्यक है। इस प्रकार, सोने में निवेश करने के लिए एक रणनीतिक योजना की आवश्यकता होती है, जिससे आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को सही दिशा में आगे बढ़ा सकें।

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सोने की कीमतों का चांदी पर प्रभाव

दोस्तों, सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी का असर चांदी की कीमतों पर भी पड़ा है। इस समय चांदी की कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि चांदी की कीमतें 1,20,000 रुपये तक पहुँच सकती हैं। क्योंकि सोने की लगातार कीमतों में वृद्धि ने चांदी के बाजार को भी सपोर्ट किया है, और इसने चांदी की कीमतों को भी ऊंचाईयों तक पहुँचाया है। और मौजूदा हालत तो इसी तरफ इशारा करते हैं कि आने वाले समय में चांदी के दाम भी बाजार को अपनी तरफ खींचने में कामयाब रहेंगे।

भविष्य में सोने की कीमत

साथियों, मौजूद स्थिति को देखते हुए और वैश्विक बाजार में हो रही है उथल-पुथल को ध्यान में रखते हुए यह कहना मुश्किल है कि सोने की कीमतें कब तक बढ़ती रहेंगी, लेकिन यदि वैश्विक आर्थिक स्थिति और भू-राजनीतिक संकट जैसे मुद्दे जारी रहते हैं, तो सोने की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है। अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर, रूस-यूक्रेन युद्ध, और डॉलर की मजबूती जैसी स्थितियाँ सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प बनाती हैं। इसके अलावा, केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती का भी सोने की कीमतों पर सकारात्मक असर पड़ सकता है। अतः आखिर में आपको यही सलाह देंगे कि यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो बाजार की मौजूदा स्थितियों को ध्यान में रखकर आप अपने रिस्क समझ और विवेक के साथ ही व्यापार करें।

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