gold create new record in 2025 : नमस्कार दोस्त सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी का सिलसिला आज भी जारी है। आज गुरुवार के दिन सोने की कीमतों में 50 रुपये का उछाल देखने को मिला जिससे साणे की कीमते 83,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के एक नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है । इसी तरह, चांदी की कीमत में भी 1,150 रुपये का इजाफा हुआ है और चांदी की कीमत 94,150 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। लगातार बढ़ती महंगाई और अन्य कारकों के कारण सोने और चांदी की मांग बढ़ती ही जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप इनकी कीमतें भी लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं। आई जानते है की सोने की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी के पीछे के मुख्य कारण क्या है और क्या 2025 सोने का भाव और भी बढ़ सकता है या नहीं
सोने की बढ़ती कीमतों पे एक्सपर्ट का क्या कहना है ?
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। 1 फरवरी से पहले सनी के जब तक बजट पेस नहीं किया था तब तक विशेषज्ञों का कहना था कि जो इस बार बजट में सोने के आयात शुल्क में वृद्धि होने की आशंका है क्योकि एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले बजट में आयात शुल्क में कमी आई थी, जिसका लाभ उठाकर लोगों ने जमकर सोना खरीदा था। वसे ही इस बजट में शुल्क बढ़ने की उम्मीद से लोग सोना खरीदने के लिए उत्सुक हैं। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति की नीतियों को लेकर अनिश्चितता और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में गिरावट भी सोने की कीमतों को बढ़ावा दे रही है। इन सभी कारकों के चलते सोने की मांग बढ़ी है और इसकी कीमतें नए उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं।
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ट्रंप की नई नीतियों से डरे निवेशक
डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार शुल्क और संरक्षणवादी नीतियों को लेकर निवेशकों की चिंता बढ़ रही है। उन्हें लगता है कि अगर ट्रंप फिर सत्ता में आते हैं, तो वैश्विक स्तर पर व्यापार में उथल-पुथल मच सकती है। ऐसे माहौल में निवेशक सुरक्षित विकल्प की ओर बढ़ रहे हैं और यही वजह है कि शेयर बाजार और जोखिम भरी संपत्तियों से पैसा निकालकर वे गोल्ड में निवेश कर रहे हैं। गोल्ड हमेशा से एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, खासकर तब जब बाजार में अनिश्चितता हो। इस बीच, यूएस फेडरल रिजर्व (फेड) ने बुधवार को ब्याज दरों को 4.25-4.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा। फेड ने साफ कर दिया है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था फिलहाल मजबूत है और ब्याज दरों में कटौती की कोई जल्दी नहीं है। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन, जेरोम पॉवेल ने भी यह स्पष्ट किया कि आगे ब्याज दरों में कटौती होगी या नहीं, यह पूरी तरह से आने वाले आर्थिक डेटा पर निर्भर करेगा। उन्होंने संकेत दिया कि जब तक मजबूत आर्थिक आंकड़े नहीं मिलते, तब तक ब्याज दरों को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं होगी। कोटक सिक्योरिटीज में एवीपी-कमोडिटी रिसर्च की कायनात चैनवाला के मुताबिक, “निवेशक अब अमेरिकी अर्थव्यवस्था के आगे के संकेतों पर नजर बनाए हुए हैं। खासतौर पर जीडीपी आंकड़े, नौकरियों के आंकड़े और घरेलू बिक्री के आंकड़ों पर फोकस रहेगा। पॉवेल ने भी इस बात पर जोर दिया है कि ब्याज दरों में कोई भी बदलाव पूरी तरह से आर्थिक डेटा पर आधारित होगा।” कुल मिलाकर, बाजार में अस्थिरता बढ़ रही है, और निवेशक अब सतर्क हो गए हैं। आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था से जुड़े बड़े फैसले निवेश के रुझानों को प्रभावित कर सकते हैं।
क्या सोने में और तेजी आएगी ?
दोस्तों आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के समय सोने को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है। सिटी ग्रुप का मानना है कि अगर टैरिफ और बढ़ते हैं तो सोने की कीमतें बढ़कर लगभग 3,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं। हालांकि, जे.पी. मॉर्गन का अनुमान है कि इक्विटी बाजार में मंदी का अल्पकालिक प्रभाव सोने पर पड़ सकता है, लेकिन लंबे समय में टैरिफ के कारण सोने की मांग बढ़ती रहेगी। सोने के अलावा अन्य कीमती धातुओं जैसे चांदी, प्लैटिनम और पैलेडियम के दामों में गिरावट देखी गई है। चांदी का भाव 1.4 फीसदी गिरकर 30.87 डॉलर प्रति औंस, प्लैटिनम 1.9 फीसदी गिरकर 958.72 डॉलर और पैलेडियम 1.7 फीसदी गिरकर 991.50 डॉलर प्रति औंस पर आ गया है।