Aaj Sone Ka Bhav Kya Hai : आज 9 जनवरी को क्या रहा सोना का भाव | जल्दी से चेक करें सोना के भाव

Aaj Sone Ka Bhav Kya Hai : गुरुवार, 9 जनवरी को सोने की कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई। निवेशकों ने चार सप्ताह के उच्च स्तर के बाद मुनाफा बुक करने का फैसला किया। अब बाजार की नजर शुक्रवार, 10 जनवरी को आने वाली अमेरिकी रोजगार रिपोर्ट पर टिकी हुई है। इस रिपोर्ट से फेडरल रिजर्व की आगामी वर्ष की ब्याज दर नीति पर और स्पष्टता मिलने की उम्मीद है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक की नीतिगत रुख में किसी भी बदलाव का सोने की कीमतों पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है।

ग्लोबल मार्केट में क्या रहा सोने का रेट

स्पॉट गोल्ड की कीमत में थोड़ी गिरावट आई है और यह 0.1% घटकर 2,659.39 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है (सुबह 5:27 बजे)। इसके विपरीत, अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स में 0.2% की बढ़त देखी गई है और यह 2,678 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है।

भारत में सोने की कीमतों में रही तेजी

भारत में सोने की कीमतों में आज उछाल देखा गया है। 24 कैरेट सोना 130 रुपये प्रति ग्राम बढ़कर 7,900.3 रुपये प्रति ग्राम पर पहुंच गया है। इसी तरह, 22 कैरेट सोने की कीमत भी 120 रुपये प्रति ग्राम बढ़कर 7,243.3 रुपये प्रति ग्राम हो गई है। लगातार बढ़ती सोने की कीमतें निवेशकों और गहनों के खरीददारों के लिए महंगाई का कारण बन रही हैं।

सोना के बाजार का कैसा रहा रुझान

इस सप्ताह सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव का मुख्य कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था और चीन की नीतियां रही हैं। एक ओर, कमजोर अमेरिकी निजी रोजगार डेटा के कारण फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की गति धीमी होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं, जिससे सोने की कीमतों को समर्थन मिला है। दूसरी ओर, चीन के केंद्रीय बैंक द्वारा अपने सोने के भंडार में लगातार दूसरे महीने की वृद्धि ने भी सोने की मांग को बढ़ावा दिया है। हालांकि, सकारात्मक अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों ने सोने की बढ़त पर अंकुश लगाया है। नवंबर में नौकरियों की संख्या में वृद्धि और दिसंबर में ISM सर्विसेज PMI में सुधार ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाया है। इसके परिणामस्वरूप डॉलर और ट्रेजरी यील्ड मजबूत हुए हैं, जिसने सोने पर दबाव डाला है। संक्षेप में, सोने की कीमतें अमेरिकी अर्थव्यवस्था और चीन की नीतियों के बीच चल रहे संघर्ष का प्रतिबिंब हैं। कमजोर अमेरिकी रोजगार डेटा और चीन द्वारा सोने के भंडार में वृद्धि ने सोने की कीमतों को बढ़ावा दिया है, जबकि सकारात्मक अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों ने सोने की बढ़त पर अंकुश लगाया है।

साल 2025 में कैसी रहेगी सना की चाल

फेडरल रिजर्व की 8 जनवरी की बैठक के मिनट्स में लगातार बढ़ती महंगाई पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। नीति निर्माताओं का मानना है कि महंगाई और व्यापार नीतियों में संभावित बदलावों के कारण ब्याज दरों में कटौती में देरी हो सकती है। सोने की मौजूदा तेजी को 2025 की शुरुआत तक जारी रहने का अनुमान है, हालांकि वित्तीय कारणों से साल के अंत तक कीमतों में मामूली गिरावट आ सकती है। दिलचस्प बात यह है कि फिजिकली-बैक्ड गोल्ड ईटीएफ में चार साल बाद पहली बार निवेश में वृद्धि देखी गई है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का मानना है कि यह निवेशकों के सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर बढ़ते रुझान को दर्शाता है।

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